भारत में जल संकट और जल शक्ति अभियान
भारत में जल संकट और जल शक्ति अभियान
जल एक प्राकृतिक संप्रदा है | जीवित रहने के लिए जल अति आवश्यक है |
भारत में जल संकट एक विकराल रूप लेता जा रहा है| ग्लोबल वार्मिंग तथा पर्यावरणएवं प्रदूषण के कारण भारत के सभी प्रांतों में जल संकट गहराता जा रहा है लोगों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं हो रहा अधिक गर्मी की वजह से कुओं का जलस्तर गिरता जा रहा है तथा अधिकांश जगह सुखा प्रभावित घोषित हो रहा है चेन्नई इसका एक जीता जागता उदाहरण जहां पानी की वजह से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है|
भारत सरकार ने जल संकट को देखते हुए ऊर्जा सुरक्षा की तरह जल सुरक्षा के लिए 1 जुलाई 2019 से एक महत्वाकांक्षी योजना जल शक्ति अभियान की शुरुआत की है
भारत सरकार ने इसी वर्ष जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया है जो जिलों में जहां जल की कमी है रेन हार्वेस्टिंग एवं जल संरक्षण अभियान चलाया जाएगा
जल शक्ति मंत्रालय का जिम्मा केंद्रीय मंत्री जी जल शक्ति श्री गजेंद्र सिंह शेखावत को दिया गया है ,एक बड़ी चुनौती सभी को जल उपलब्ध कराने की है
मनरेगा जैसी योजनाओं की राशियों का इस्तेमाल करते हुए जलाशय एवं तालाबों का संरक्षण भूजल रिचार्ज वाटर से डेवलपमेंट और वृक्षारोपणरक्षा को जोड़ दिया जाएगा
जल शक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य परिसंपत्ति सर्जन और संचार अभियानों के जरिए जल संरक्षण और सिंचाई कार्य दक्षताखा संवर्धन को एक जन अभियान का रूप देना है
14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस को मनाने की घोषणा की गई थी
भूजल क्या है ?
भूजल वह है जो जमीन के अंदर रिस कर जमीन के अंदर मिट्टी एवं चट्टानों के अंदर जमा हो जाता है
भारी वर्षा से जल का स्तर बढ़ जाता है तथा भूजल का लगातार दोहन करने से जल का स्तर गिर जाता है भारत में भूजल संसाधन में वर्षा जल का योगदान 6 8% है तथा अन्य स्रोत एवं तालाबों से हिस्सेदारी 32% है
जल संकट के मूल कारण
जल संसाधनों का अति प्रयोग एवं दोहन एवं निर्भरता,
उपलब्ध जल का दुरुपयोग ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में भूजल का स्तर गिरना
पर्यावरणीय विनाश के चलते सभी जल स्रोत सूखने के कगार पर
अधिक पानी सूखने वाली फसलों के कारण जल संकट का गहराना,
गांव में जल स्रोतों एवं नहरों का अभाव, कुओं ऊपर सिंचाई हेतु निर्भर होना
जनसंख्या भी एक समस्या का कारण, एवं औद्योगीकरण एवं निस्तारण
हरियाली एवं वन क्षेत्रों का अवैध कटाव एवं भूजल संसाधनों का रिचार्ज कम होना
जल संरक्षण हेतु जन चेतना एवं जागरूकता का अभाव , नए जल संसाधनों की खोज में कमी
जल संकट के निदान हेतु उपाय
जिलों में सुखे के निवारण हेतु रेन हार्वेस्टिंग पर ध्यान दिया जाए तथा वाटर लेवल रिचार्ज करने हेतु कॉकपिट बनाया जाए |
जमीन के अंदर औद्योगिक अवशिष्ट को जाने से रोकने हेतु पर्यावरण विभाग द्वारा नियमित सर्वे एवं मापन तथा उनके रोकने हेतु कड़े नियमों का पालन |
वन विभाग द्वारा अवैध कटाव को रोकना |
जल संरक्षण हेतु जलाशय एवं तालाबों का सफाई हेतु ध्यान तथा मिट्टी के भराव को कम करना ताकि लेवल बढ़ सके |
जल के अति प्रयोग एवं दुरुपयोग को रोकने हेतु सरकार को कानून बनाना चाहिए तथा शहरी इलाकों में जल के बचाव हेतु निगमों द्वारा जल संरक्षण एवं जल के उपयोग पर जागरूकता हेतु नोटिफिकेशन जारी करें तथा जनजागृति हेतु जन शक्ति का उपयोग करें |
उद्योगों को जहां पर जल का उपयोग होता है वहां के गांव में तालाबों के निर्माण हेतु उद्योग एवं कारखानों द्वारा गोद लेना चाहिए ,हां उद्योग द्वारा तालाबों का निर्माण एक सामाजिक आवश्यकता बना दिया जाए |
सूखे प्रभावित इलाकों में ऐसी फसलों के उपयोग जिनमें फसलें कम पानी सूखती शोखती हो |
वृक्षारोपण हेतु प्रेरित करना जनशक्ति का एवं सामाजिक समूह का उपयोग करना तथा लोगों में चेतना एवं जागृति फैलाना तथा समाज को दिशा देना इसके लिए सरकार को आगे आना होगा |
गांव में जल स्रोतों , नए कुओं का निर्माण एवं सिंचाई हेतु , नहरों नए जलाशय, तालाबों का निर्माण पर ध्यान देना | एवं शहरों में तथा गांव में वाटर हार्वेस्टिंग हेतु प्रेरित करना तथा सब्सिडी का प्रावधान करना |
भारत एक कृषि प्रधान देश है गांव में कृषि को शंभू हो समूहों में करने हेतु प्रेरित करना |
जल है तो कल है, जल बिन सब सून , आज हम जल बचाएंगे तुम अपना आने वाले भविष्य एवं आने वाली पीढ़ी को बचाएंगे एवं कुछ दे पाएंगे समाज में जल के अपव्यय एवं मितव्यता पर ध्यान देना होगा
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आओ हम सब मिलकर आगे आए अब समय आ गया है जल को बचाने एवं उसके संरक्षण के प्रति समाज में चेतना जगाएं |
पेड़ लगाएं पानी बचाएं
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